One Nation, One Election: इससे देश को क्या फ़ायदा और क्या नुकसान?

✍️ लेखक: LokView संपादकीय टीम


🔷 परिचय

“एक देश, एक चुनाव” (One Nation, One Election) अब भारतीय राजनीति की सबसे चर्चित बहस बन चुकी है। सरकार और नीति-निर्माता इसे लोकतांत्रिक सुधार मानते हैं, जबकि कई विपक्षी नेता इसे केंद्र की सत्ता के केंद्रीकरण की कोशिश बताते हैं। आइए समझते हैं इसके संभावित लाभ और नुक़सान।


इस पहल के संभावित फ़ायदे

  1. खर्च में भारी कटौती
    हर राज्य और केंद्र के चुनाव पर अलग-अलग खर्च होता है। संयुक्त चुनाव से पब्लिक मनी की बचत हो सकती है।
  2. प्रशासनिक लचीलापन
    बार-बार आचार संहिता लगने से सरकारी योजनाएं प्रभावित होती हैं। इससे सुचारु शासन संभव होगा।
  3. राजनीतिक स्थिरता
    एक साथ चुनाव से लंबे समय तक राजनीतिक स्थिरता बनी रह सकती है, जिससे निर्णय प्रक्रिया तेज होगी।

One Nation, One Election: इससे देश को क्या फ़ायदा और क्या नुकसान?

संभावित चुनौतियाँ और नुक़सान

  1. संघीय ढांचे पर असर
    एक साथ चुनाव का अर्थ है राज्यों की स्वतंत्रता पर नियंत्रण। ये भारत के संघीय ढांचे के ख़िलाफ़ जा सकता है।
  2. स्थानीय मुद्दों की अनदेखी
    लोकसभा और विधानसभा चुनाव के मुद्दे अलग होते हैं। एक साथ चुनाव से स्थानीय विषय पीछे छूट सकते हैं।
  3. तकनीकी और लॉजिस्टिक चुनौतियाँ
    इतने बड़े पैमाने पर चुनाव कराना EVM और सुरक्षाबलों की भारी ज़रूरत पैदा करेगा।

📢 विशेषज्ञों की राय

कई संविधान विशेषज्ञ मानते हैं कि इसे लागू करने से पहले संविधान संशोधन और राजनीतिक सहमति बेहद ज़रूरी है।


🧩 निष्कर्ष

One Nation, One Election एक बड़ा राजनीतिक प्रयोग हो सकता है, लेकिन इसके लिए केवल सरकार नहीं, पूरे देश की लोकतांत्रिक सहभागिता ज़रूरी है।


Follow by Email
Instagram
Telegram
WhatsApp
Copy link
URL has been copied successfully!